रामपाल का एक और चौका देने वाला खुलासा ! कहा बेटे और दामाद आश्रम के लिये कमांडो तौयार करते थे !!
बरनाला हिसार हरियाणा। राष्ट्रद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे रामपाल के दो बेटे और दामाद मध्य प्रदेश के बैतूल में निजी कमांडो तैयार करते थे। कमांडो को दिए जाने वाले हथियारों के लिए पैसे भी उसके बेटे ही इकटा करते थे। पूरे प्रशिक्षण और बंदोबस्त के बाद ही उनको हरियाणा के सतलोक आश्रम में भेजा जाता था। यह सनसनीखेज खुलासा खुद रामपाल ने पुलिस पूछताछ में किया है। रामपाल ने बताया कि वह उस जगह को पहचानता है, जहां उसके बेटे निजी कमांडो को ट्रेनिंग देते थे ।रामपाल ने बताया कि कमांडो को दिए जाने वाले हथियारों के लिए पैसे भी उसके बेटे ही इकटा करते थे। अब पुलिस ने उसके बेटों और दामाद तक पहुंचने की तैयारी शुरू कर दी है। हरियाणा पुलिस रामपाल को जल्द बैतूल लेकर जाएगी और पता करेगी कि हथियार किस जगह से और किनसे खरीदे जाते थे।
हिसार कोर्ट ने मंगलवार को रामपाल का पुलिस रिमांड 6 दिन के लिए और बढा दिया। इससे पहले पुलिस ने उसे 5 दिन की रिमांड पर लिया था। पुलिस ने जज से कहा कि उसकी निशानदेही पर बैतूल से हथियार और उसके बेटों का ठिकाना पता करना है। हालांकि रामपाल के वकील ने इसका विरोध किया। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट ने रामपाल का पुलिस रिमांड बढाने का आदेश पारित कर दिया।
पुलिस के खिलाफ ऑपरेशन चलाते थे सतलोक आश्रम के 5 कमांडर, प्रशासन के बीच हुई हिंसक झडप की तह तक जाने के लिए पुलिस को पांच लोगों की तलाश है। ये पांच लोग रामपाल के आश्रम की कोर कमेटी का हिस्सा न होने के बावजूद पूरे ऑपरेशन में अहम रोल निभा रहे थे। पांचों कोर कमेटी के सदस्यों के काफी करीबी बताए जा रहे हैं, जो कमेटी के पदाधिकारियों के हर निर्देश को मानते थे। सीआईए इंचार्ज मुकेश कुमार ने बताया कि रामपाल की कोर कमेटी ने पांच लोगों का एक ग्रुप बनाया था। यह ग्रुप रामपाल के सभी
ऑपरेशन को संचालित करता था
पुलिस का मानना है कि पुलिस ने जब रामपाल को पकडने के लिए घेराबंदी की तो इन पांचों ने रामपाल के निजी कमांडोज को टकराव के लिए तैयार करने का पूरा मिशन सिरे चढाया था। उन्होंने बताया कि यह खुलासा 4 दिन के रिमांड पर चल रहे रामपाल के सहयोगी रामकुमार ढाका, पुरूषोत्तम सैनी और बलजीत ने किया है। सीआईए इंचार्ज मुकेश कुमार ने बताया कि सतलोक आश्रम से भाग निकले पांचों आरोपियों पर आश्रम में सुरक्षा के लिहाज से निजी कमांडो की तैनाती और इनको हथियार मुहैया कराने का जिम्मा था। उन्होंने बताया कि कोर कमेटी के पदाधिकारी इन पांचों आरोपियों को हथियारों और कमांडो के लिए पैसा मुहैया कराते थे। इसी तरह आश्रम में जो भी सामान खरीदा जाता था, वह भी इन पांचों की देखरेख में होता था। जांच टीम का मानना है कि ये पांचों अलग अलग प्रदेशों से संबंध रखते है।
औऱ पढ़िये। ...........
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