गुजरात पुलिस की मॉक ड्रिल चर्चा का विषय बनीं हुई है। ऎसे मामलों से गुजरात पुलिस अब सवालों के घेरे में है। दरअसल हुआ यूं कि गुजरात पुलिस ने दो जगह मॉक ड्रिल किया था और दोनों जगह ही विवाद का सामना करना पडा। पहली मॉक ड्रिल सूरत में हुई जहां सूरत पुलिस ने मॉक ड्रिल के दौरान आतंकी बने लोगों को टोपी पहना रखी थी। तो दूसरी मॉक ड्रिल गुजरात के ही नर्मदा में हुई।
बताया जा रहा है कि सरदार सरोवर बांध पर मॉक ड्रिल में पकडे गए आतंकी से इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगवाए गए। नर्मदा में 26 दिसंबर को मॉक ड्रिल कराई गई जो गुरूवार को सामने आई। गुजरात पुलिस की इस कार्रवाई को सीधे तौर पर आतंकियों को एक खास समुदाय से जोडने की कोशिश माना जा रहा है। हर तरफ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खडे हो रहे हैं।
राजनीतिक दलों ने जहां सीधे तौर पर पुलिस की इस कार्रवाई के लिए राज्य की बीजेपी सरकार को घेरा है। वहीं मुस्लिम धर्मगुरूओं ने भी गुजरात पुलिस की इस करतूत को गलत ठहराया है। वहीं, पुलिस ने भी इस मामले पर अपनी गलती स्वीकार कर ली है।
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