इस बार प्रतिपदा तिथि दो दिन होने के कारण नवरात्र नौ दिन की बजाय 10 दिन का होगा. ऐसा महासंयोग जो नवरात्रि में 18 साल बाद बन रहा है.
कैसे करे नवरात्र २०१६ में कलश स्थापना
कैसे करे नवरात्र २०१६ में कलश स्थापना
कलश स्थापना मुहूर्त
दुर्गा पूजा की शुरुआत कलश स्थापना से होती है. 01 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 20 मिनट से लेकर 07 बजकर 30 तक का समय कलश स्थापना के लिए शुभ है. नवरात्र व्रत की शुरुआत भी प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना से की जाती है.
कलश स्थापना के लिये जरूरी पूजन सामग्री
जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र, जौ बोने के लिए शुद्ध साफ की हुई मिट्टी, पात्र में बोने के लिए जौ, कलश में भरने के लिए शुद्ध जल, गंगाजल, मौली, इत्र, साबुत सुपारी, दूर्वा, कलश में रखने के लिए कुछ सिक्के, पंचरत्न, अशोक या आम के 5 पत्ते, कलश ढकने के लिए मिट्टी का दीया, ढक्कन में रखने के लिए बिना टूटे चावल, सप्तधान्य (सात प्रकार का अनाज), सप्तमृत्तिका, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, अक्षत, दूध, दही, घी, शहद, फूल, अगरबत्ती, पानी वाला नारियल और नारियल पर लपेटने के लिए लाल कपड़ा.
कलश स्थापना विधि
सबसे पहले प्रातःकाल स्नान करके पूजन सामग्री के साथ पूजा स्थल पर पूर्वाभिमुख (पूर्व दिशा की ओर मुंह करके) आसन लगाकर बैठें. उसके बाद नीचे दी गई विधि अनुसार पूजा प्रारंभ करें-
1. नीचे लिखे मंत्र का उच्चारण कर पूजन सामग्री और अपने शरीर पर जल छिड़कें
ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोअपी वा.
य: स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाहान्तर: शुचि:.
2. हाथ में अक्षत, फूल, और जल लेकर पूजा का संकल्प करें.
3. माँ शैलपुत्री की मूर्ती के सामने मिट्टी के ऊपर कलश रखकर हाथ में अक्षत, फूल, और गंगाजल लेकर वरूण देव का आवाहन करें.
4. पूजन सामग्री के साथ विधिवत पूजा करें.
5. उसके बाद आरती करें और प्रसाद वितरण करें.
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