क्या भारत 'इबोला' से निपटने के लिए तैयार है ?



भारत इबोला से 'निपटने के लिए तैयार है 

भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि देश इबोला के ख़तरे से निपटने लिए पूरी तरह से तैयार है.
हर्षवर्धन के अनुसार देश के 18 हवाई अड्डों पर इबोला वायरस का पता लगाने के लिए सभी ज़रूरी क़दम उठाए गए हैं.
दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए इन 18 हवाई अड्डों पर थर्मल स्कैनर लगाये गए हैं ताकि अफ्रीका से आने वाले यात्रियों की जांच की जा सके.
बंदरगाहों पर भी ऐसे ही उपाय किए जा रहे हैं और स्वास्थ्य कर्मियों को इससे निपटने के लिए ट्रेनिंग दी गई है.

एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य कर्मचारियों के अलावा इमिग्रेशन स्टाफ इबोला पीड़ित देशों से भारत आने वाले यात्रियों पर नज़र रख रहा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अब तक दुनियाभर में 10 हज़ार से अधिक लोगइबोला से पीड़ित हो चुके हैं और 4,900 व्यक्तियों की अब तक इससे मृत्यु हो चुकी है.


पेशे से खुद भी डॉक्टर हर्षवर्धन का कहना है कि भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के बताए गए उपायों से पहले ही इसकी रोकथाम के उपायों पर अमल शुरू कर दिया था.
उन्होंने बताया, "हम विश्व स्वास्थ्य संगठन के बताए तरीकों पर चल रहे हैं और इससे भी अधिक ठोस क़दम उठाए जा रहे रहे हैं."

उनका कहना है कि इबोला पीड़ित देशों से आए यात्रियों के उस देश से विमान पर चढ़ने और यहां उतरने तक उन पर नज़र रखने के उपाए किए गए हैं.
वे कहते हैं, "हम भारत आने वाले सभी विमानों में ये ऐलान करवा रहे हैं कि यात्री इबोला के बारे में शक होने पर अधिकारियों को सूचित करें."


भारत के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इबोला पूरी दुनिया के लिए एक ख़तरा है. इस खतरे को भारत तक आने देने के लिए उनकी सरकार ने काफी पहले से सक्रिय क़दम उठाना शुरू कर दिया था.
उन्होंने बताया, "हमने अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में इबोला का पता लगाने से लेकर इसके इलाज तक की तैयारी कर रखी है."

हर्षवर्धन के मुताबिक़ भारत की इन कोशिशों की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने काफी प्रशंसा की है. भारत ने अफ़्रीकी देशों में इस बीमारी से निपटने के लिए 12 मिलियन डॉलर या तकरीबन 73 करोड़ रुपये की मदद की है.

वे कहते हैं, "हमसे अगर किसी ने मदद मांगी तो हम स्वास्थ्यकर्मी और दूसरी सविधाएं देने के लिए भी तैयार हैं."

 
भारत में अब तक इबोला का कोई केस सामने नहीं आया है, लेकिन अफ्रीका से आए कई यात्रियों को शक की बुनियाद पर अलग-थलग रखने का काम कई बार किया गया है और उन पर नज़र रखी जा रही है.

स्वास्थ्य मंत्री ने ऐसे लोगों की संख्या नहीं बताई. लाइबेरिया से आई एक भारतीय सुरक्षाकर्मी पर इबोला वायरस का शक होने पर उन्हें हवाई अड्डे पर ही बने इबोला वार्ड में रखकर उनकी निगरानी की जा रही है.

इबोला का प्रकोप प्रमुखतः अफ़्रीका में अधिक देखा गया है.
दिल्ली के राम मनोहर लोहिया और तीन दूसरे अस्पतालों में इबोला मरीज़ों के लिए अलग बिस्तरों का इंतज़ाम कर लिया गया है और स्वास्थ्य कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
इसी तरह के क़दम देश के दूसरे बड़े अस्पतालों में भी किए गए है!

 ज़रूर पढ़ें     'द आयरन लेडी'

Share on Google Plus

About AajTak Ki Khabre

आजतक की खबरे एक न्यूज़ ब्लॉग है। जो भारत और देश दुनिया से की खबरे आप तक अपने ब्लॉग के माध्यम से आप तक पहुचाती है। यदि आप आजतक की खबरे को पसंद करते है। तो इसे सब्सक्राइब करना न भूले। धन्यवाद आपका दिन शुभ हो।
फिल्पकार्ट ऑफर के लिए यहाँ क्लिक करे।

0 comments:

Post a Comment