यह तो होना ही था पीडीपी PDP अब भाजपा BJP का साथ न ले कर कांग्रेस Congress और नेशनल कॉन्फ्रेंस NC के साथ मिल कर सरकार बनाएगी। सूत्रों का कहना है की भाजपा ने पहले तीन साल के लिए मुख्यमंत्री का पद माँगा था और बाकि अगले ३ साल के लिए पीडीपी का मुख्यमंत्री होता।
भाजपा को डर था की अगर पीडीपी को पहले मौका दिया जाए तो कही पीडीपी अपना कार्य काल पूरा कर के भाजपा को धोखा ना दे। पर पीडीपी ने भाजपा को सुरुवात में ही धोखा दे कर अब कांग्रेस और NC के साथ मिल कर सरकार बनाएगी।
जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर मंगलवार सुबह भाजपा के महासचिव राम माधव राज्यपाल एनएन बोहरा से मिलने राजभवन पहुंचे थे । इससे पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा के प्रस्ताव को पीडीपी की ओर से खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस ने पीडीपी को सीएम पद देने सहित बिना शर्त समर्थन देने के लिए हामी भर दी है।
कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पीडीपी 6 साल तक मुख्यमंत्री पद अपने पास रखे, हमारा बिना शर्त समर्थन पीडीपी को है। पीडीपी ने भी संकेत दिए हैं कि घाटी में सरकार बनाने के लिए वह नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस से हाथ मिला सकती है। पीडीपी के प्रवक्ता नयीम अख्तर का कहना है कि राज्य में स्थिर सरकार बनाने के लिए पार्टी के पास सभी विकल्प खुले हैं, जिनमें कांग्रेस और नेकां भी शामिल हैं। इस बीच, राजभवन के प्रवक्ता ने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती बुधवार को राज्यपाल एनएन वोहरा से सरकार बनाने के समीकरणों पर बात करेगी। गुलाम नबी आजाद ने कहा, मुफ्ती साहब को भाजपा के दबाव में नहीं आना चाहिए। कांग्रेस का लिखित में सपोर्ट उन्हें देने को तैयार हूं। भापाज सरकार बनाने के लिए सौदेबाजी ना करे और ही फंड देने के नाम पर पीडीपी के ऊपर दबाव बनाएं।
भाजपा के प्रवक्ता ने महागठबंधन की संभावनाओं पर कहा कि पीडीपी ने भाजपा पर दबाव बनाने के लिए सोची-समझी रणनीति बनाई है। इसी रणनीति के तहत ऎसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। यदि वास्तव में ऎसा होता है तो यह जम्मू-कश्मीर की जनता के जनादेश का अपमान होगा। उमर अब्दुल्ला ने बात करने पर बताया कि यदि ऎसा वास्तव में है तो हमें सीरियस होकर इस प्रस्ताव पर सोचना होगा। दूसरी ओर, मुस्लिम बहुल राज्य में सत्ता में आने के प्रयास कर रही भाजपा ने पीडीपी के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ भी बात की है। चुनाव में भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष रहे विधायक निर्मल सिंह ने नई दिल्ली में सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी अन्य दलों से बातचीत कर रही है और सभी विकल्प खुले हैं।
बोहरा ने राज्य में सरकार गठन के मसले पर विचार विमर्श के लिए शुक्रवार को महबूबा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा को अलग-अलग वार्ता के लिए बुुलाया था। इस बीच, राज्य में अगली सरकार के गठन के लिए पार्टी के भीतर विचार विमर्श में जुटी पीडीपी ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों को ऎसी किसी संभावना पर जानकारी के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में जाने को कहा है। पार्टी विधायकों के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक चर्चा की समाप्ति पर पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उनसे कहा कि वे भाजपा के साथ अगली सरकार बनाने की संभावनाओं पर जनता का मूड जानने के लिए अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाएं। पीडीपी सूत्रों ने बताया कि महबूबा मुफ्ती के राज्यपाल से मिलने से पूर्व पीडीपी संरक्षक पार्टी के भीतर एक आम सहमति बनाना चाहते हैं।
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जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर मंगलवार सुबह भाजपा के महासचिव राम माधव राज्यपाल एनएन बोहरा से मिलने राजभवन पहुंचे थे । इससे पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा के प्रस्ताव को पीडीपी की ओर से खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस ने पीडीपी को सीएम पद देने सहित बिना शर्त समर्थन देने के लिए हामी भर दी है।
कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पीडीपी 6 साल तक मुख्यमंत्री पद अपने पास रखे, हमारा बिना शर्त समर्थन पीडीपी को है। पीडीपी ने भी संकेत दिए हैं कि घाटी में सरकार बनाने के लिए वह नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस से हाथ मिला सकती है। पीडीपी के प्रवक्ता नयीम अख्तर का कहना है कि राज्य में स्थिर सरकार बनाने के लिए पार्टी के पास सभी विकल्प खुले हैं, जिनमें कांग्रेस और नेकां भी शामिल हैं। इस बीच, राजभवन के प्रवक्ता ने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती बुधवार को राज्यपाल एनएन वोहरा से सरकार बनाने के समीकरणों पर बात करेगी। गुलाम नबी आजाद ने कहा, मुफ्ती साहब को भाजपा के दबाव में नहीं आना चाहिए। कांग्रेस का लिखित में सपोर्ट उन्हें देने को तैयार हूं। भापाज सरकार बनाने के लिए सौदेबाजी ना करे और ही फंड देने के नाम पर पीडीपी के ऊपर दबाव बनाएं।
भाजपा के प्रवक्ता ने महागठबंधन की संभावनाओं पर कहा कि पीडीपी ने भाजपा पर दबाव बनाने के लिए सोची-समझी रणनीति बनाई है। इसी रणनीति के तहत ऎसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। यदि वास्तव में ऎसा होता है तो यह जम्मू-कश्मीर की जनता के जनादेश का अपमान होगा। उमर अब्दुल्ला ने बात करने पर बताया कि यदि ऎसा वास्तव में है तो हमें सीरियस होकर इस प्रस्ताव पर सोचना होगा। दूसरी ओर, मुस्लिम बहुल राज्य में सत्ता में आने के प्रयास कर रही भाजपा ने पीडीपी के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ भी बात की है। चुनाव में भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष रहे विधायक निर्मल सिंह ने नई दिल्ली में सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी अन्य दलों से बातचीत कर रही है और सभी विकल्प खुले हैं।
बोहरा ने राज्य में सरकार गठन के मसले पर विचार विमर्श के लिए शुक्रवार को महबूबा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा को अलग-अलग वार्ता के लिए बुुलाया था। इस बीच, राज्य में अगली सरकार के गठन के लिए पार्टी के भीतर विचार विमर्श में जुटी पीडीपी ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों को ऎसी किसी संभावना पर जानकारी के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में जाने को कहा है। पार्टी विधायकों के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक चर्चा की समाप्ति पर पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उनसे कहा कि वे भाजपा के साथ अगली सरकार बनाने की संभावनाओं पर जनता का मूड जानने के लिए अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाएं। पीडीपी सूत्रों ने बताया कि महबूबा मुफ्ती के राज्यपाल से मिलने से पूर्व पीडीपी संरक्षक पार्टी के भीतर एक आम सहमति बनाना चाहते हैं।
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