अब आपको मोबाइल नंबर बदलने की कोई जरुरत नहीं..........
मोबाइल यूजर्स 3 मई से देशभर में कहीं भी मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। यानी अब लोग देश के किसी भी हिस्से में अपना पुराना नंबर ही इस्तेमाल कर सकते हैं। मोबाइल ऑपरेटर बदलने पर भी नंबर नहीं बदलेगा। ट्राई ने ये सुविधा देने के लिए एमएनपी के नियमों में छठे संशोधन किए हैं। फिलहाल, मोबाइल यूजर्स को सिर्फ उनके ही शहर या सर्किल में एमएनपी की सुविधा मिलती थी।
इस साल के अंत तक पूरे देश में लागू हो जायेगा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सुविधा...
इस योजना को 3 नवंबर से पहले ही पूरे देश में लागू किया जाएगा। भारतीय दूरंसचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एमएनपी के नियमों में संशोधन किया है। फिलहाल उपभोक्ताओं को उनके दूरसंचार सर्कल में ही मोबाइल नंबर पोर्ट कराने की अनुमति है। ज्यादातर मामलों में यह राज्य तक सीमित रहता है। आगे से ऎसा नहीं होगा। अगर किसी व्यक्ति का ट्रांसफर दिल्ली से चेन्नई हो जाता है तो वह अपनी पसंद से कोई भी ऑपरेटर चुन सकता है, जबकि उसका पुराना दिल्ली वाला नंबर कायम रहेगा। ट्राई की तरफ से बुधवार को जारी बयान में कहा गया कि दूरसंचार एमएनपी नियमन, 2009 में संशोधन किया गया है।
इसकी बदौलत तीन मई, 2015 से देशभर में पूर्ण मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा मिलेगी। दूरसंचार विभाग ने तीन नवंबर, 2014 को एमएनपी लाइसेंस करार में संशोधन जारी किया था। तब कहा गया था कि देशभर में एमएनपी का कार्यान्वयन लाइसेंस में संशोधन की तारीख के छह माह के भीतर होगा। ट्राई के हालिया फैसलों को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों- बीएसएनएल और एमटीएनएल ने अप्रैल से अपनी कॉल दरें घटाने की योजना बनाई है। इसी तरह की तैयारी निजी क्षेत्र की मोबाइल ऑपरेटर वीडियोकॉन की भी है।
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मोबाइल यूजर्स 3 मई से देशभर में कहीं भी मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। यानी अब लोग देश के किसी भी हिस्से में अपना पुराना नंबर ही इस्तेमाल कर सकते हैं। मोबाइल ऑपरेटर बदलने पर भी नंबर नहीं बदलेगा। ट्राई ने ये सुविधा देने के लिए एमएनपी के नियमों में छठे संशोधन किए हैं। फिलहाल, मोबाइल यूजर्स को सिर्फ उनके ही शहर या सर्किल में एमएनपी की सुविधा मिलती थी।
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इस योजना को 3 नवंबर से पहले ही पूरे देश में लागू किया जाएगा। भारतीय दूरंसचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एमएनपी के नियमों में संशोधन किया है। फिलहाल उपभोक्ताओं को उनके दूरसंचार सर्कल में ही मोबाइल नंबर पोर्ट कराने की अनुमति है। ज्यादातर मामलों में यह राज्य तक सीमित रहता है। आगे से ऎसा नहीं होगा। अगर किसी व्यक्ति का ट्रांसफर दिल्ली से चेन्नई हो जाता है तो वह अपनी पसंद से कोई भी ऑपरेटर चुन सकता है, जबकि उसका पुराना दिल्ली वाला नंबर कायम रहेगा। ट्राई की तरफ से बुधवार को जारी बयान में कहा गया कि दूरसंचार एमएनपी नियमन, 2009 में संशोधन किया गया है।
इसकी बदौलत तीन मई, 2015 से देशभर में पूर्ण मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा मिलेगी। दूरसंचार विभाग ने तीन नवंबर, 2014 को एमएनपी लाइसेंस करार में संशोधन जारी किया था। तब कहा गया था कि देशभर में एमएनपी का कार्यान्वयन लाइसेंस में संशोधन की तारीख के छह माह के भीतर होगा। ट्राई के हालिया फैसलों को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों- बीएसएनएल और एमटीएनएल ने अप्रैल से अपनी कॉल दरें घटाने की योजना बनाई है। इसी तरह की तैयारी निजी क्षेत्र की मोबाइल ऑपरेटर वीडियोकॉन की भी है।
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ReplyDeleteHello!
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