जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आए एक महीने से ज़्यादा समय हो गया है, लेकिन राजनीतिक दल सरकार गठित करने लायक गठबंधन नहीं बना पाए हैं ।हालाँकि पीडीपी (28) और भाजपा (25) के गठबंधन सरकार बनाने के संकेत साफ़ हैं । पर अभी तक गठबंधन की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, दोनों पार्टियां इसकी वजह साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाने पर जारी विचार-विमर्श बता रही हैं ।
भाजपा के राज्य महासचिव अशोक कौल ने 28 जनवरी को श्रीनगर में कहा था कि पीडीपी से इस बात पर सहमति बन गई है कि अगले चार दिन में नई सरकार के बारे में ऐलान कर दिया जाएगा ।
उन्होंने यह भी दावा किया कि पीडीपी के सरंक्षक, मुफ़्ती मोहम्मद सईद गठबंधन सरकार का नेतृत्व पूरे कार्यकाल में करेंगे । जम्मू और श्रीनगर के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि सरकार का गठन सात फ़रवरी को दिल्ली में मतदान के बाद ही होगा ।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली चुनाव से पहले गठबंधन के आधिकारिक ऐलान से दिल्ली में भाजपा के विरोधियों को पार्टी पर हमला करने का मौका मिल सकता है ।
श्रीनगर में एक उर्दू दैनिक के संपादक मंज़ूर अंजुम कहते हैं, "भाजपा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को ख़त्म किए जाने की मांग करती रही है और अब वह ऐसी पार्टी, पीडीपी, के साथ गठबंधन कर रही है जो स्वराज और धारा 370 को मजबूत किए जाने की मांग लेकर चुनाव लड़ी थी, भाजपा दिल्ली में मतदान से पहले इसका ख़तरा नहीं उठा सकती।" हालाँकि कुछ पर्यवेक्षकों का यह भी मानना है कि सरकार गठन में देरी का दिल्ली चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है ।
0 comments:
Post a Comment