प्रधानमंत्री ने बैंकों से भी प्रभावित किसानों के ऋण का पुनर्गठन करने और बीमा कंपनियों से उनके बीमा दावों का त्वरित निपटान करने को कहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने छोटा-मोटा कारोबार करने वाले उद्यमियों के लिये 20,000 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी से मुद्रा वित्तीय एजेंसी का उद्घाटन करने के अवसर पर यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि पहले के नियम के अनुसार किसान तभी मदद का पात्र माना जाता रहा है जब उसकी 50 प्रतिशत फसल का नुकसान होता था लेकिन अब यदि किसान की 33 प्रतिशत फसल का भी नुकसान हुआ है तो उसे सरकारी मदद दी जाएगी। इससे ज्यादा किसानों को मदद मिल सकेगी। इसके साथ ही मुआवजे की राशि को भी बढ़ाकर डेढ़ गुणा कर दिया गया है।
मोदी ने कहा कि हमने दूसरा महत्वपूर्ण फैसला मानकों को बढ़ाने का किया है ताकि किसानों की अधिक मदद की जा सके। मुआवजे की राशि बढ़ाकर डेढ़ (1.5) गुना कर दी गई है। यदि इससे पहले उन्हें 100 रुपये का मुआवजा मिल रहा था तो अब उन्हें 150 रुपये मिलेंगे, यदि उन्हें एक लाख रुपये मिल रहे थे तो उन्हें अब डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे। इसमें 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इससे पहले ऐसी प्राकृतिक आपदाओं में किसानों की मदद के जो मानदंड रखे गये थे उनसे किसानों का ज्यादा लाभ नहीं मिल पाता था।
उन्होंने कहा कि पिछले साल ऐसा कम बारिश की वजह से हुआ और इस साल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसान को नुकसान हुआ। मोदी ने कहा कि बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों को हुये नुकसान के आकलन के लिये हमने मंत्रियों को विभिन्न राज्यों में भेजा, हमने इसकी समीक्षा की है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कल कहा था कि बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि के कारण देशभर में 113 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसल को नुकसान हुआ है।
बैंकों से कहा गया है कि वे बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के ऋण का पुनर्गठन करें, बीमा कंपनियों से भी उनके दावों का निपटान सक्रियता से करने के लिए कहा गया है। किसानों को मदद करने के लिए हम इस बार बड़ा कदम उठा रहे हैं।
प्रभावित किसानों के लिये मुआवजा बढ़ाने के संबंध में मोदी ने कहा कि इससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ेगा लेकिन उनकी मदद करना जरूरी है क्योंकि वे तकलीफ में हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें देश के किसानों की चिंता करनी है जो पर्याप्त वर्षा न होने या फिर बेमौसम बारिश की समस्या से जूझ रहे हैं। अपना खुद का काम करने वाले छोटे उद्यमियों के लिए बनी माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) के बारे में मोदी ने कहा कि इसका लक्ष्य है उन लोगों को कर्ज देना जिन्हें बैंकों तथा दूसरे संस्थानों से कर्ज नहीं मिल पाता है, जो लोग अपनी जरूरत के लिये साहुकार से कर्ज लेने को मजबूर हैं, उन्हें मुद्रा बैंक के जरिये मदद दी जायेगी। ऐसे छोटे उद्यमी स्वरोजगार करने के साथ साथ दूसरों को भी रोजगार देते हैं।
उन्होंने कहा कि बड़े ताम झाम वाले कारोबारी समूह जो मीडिया का बहुत ध्यान आकषिर्त करते हैं, वे सिर्फ 1.25 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं जबकि छोटी मोटी दुकान, ब्यूटी पार्लर, मैकेनिक, दर्जी, कुम्हार तथा ऐसा ही छोटा मोटा धंधा करने वाले 5.75 करोड़ उद्यमी 12 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं। मोदी ने कहा कि बड़े उद्योगों की वित्तीय सहायता के लिये कई साधन है लेकिन इन छोटे छोटे उद्यमों की मदद करने के लिये कोई साधन नहीं है। इन उद्यमों में कुल मिलाकर 11,00,000 करोड़ रुपये की पूंजी लगी है जबकि इन्हें औसतन 17,000 रुपये का ही कर्ज मौजूदा संस्थानों से उपलब्ध हो पाता है।
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