आखिर लात-घूंसे खा कर पार्टी से बाहर गए प्रशांत भूषण और योंगेद्र यादव .…
आम आदमी पार्टी के चारों बागी नेताओं प्रशांत भूषण, योंगेद्र यादव, प्रोफेसर आनंद कुमार और अजित झा पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। शनिवार को दिल्ली के कापसहेडा में हुई पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कथित हंगामा, मारपीट, लात-घूंसों के बीच यह फैसला हुआ। इस बैठक की अध्यक्षता कुमार विश्वास ने की और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का भाषण हुआ। केजरीवाल के भाषण के बाद मीटिंग की अध्यक्षता गोपाल राय ने की और मनीष सिसोदिया ने प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, अजित झा और प्रोफेसर आनंद कुमार को बाहर निकालने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव पास हो गया और इन चारों नेताओं को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया।
पार्टी के संजोयक अरविंद केजरीवाल करीब 40 मिनट के भाषण के बाद सचिवालय के लिए निकल गए। इसके तुरंत बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव भी मीटिंग से बाहर आ गए। बाहर आते ही उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र की हत्या कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मीटिंग में बाउंसरों की मदद से लोगों को पीटा गया और घटीसा गया। योगेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल के भाषण के दौरान गोपाल राय को बैठक की अध्यक्षता सौंपी गई। इसका विरोध हुआ, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। रमजान चौधरी ने आवाज उठाई, मगर बाउंसर्स की मदद से उन्हें घसीटकर बाहर निकाल दिया गया। उनकी हड्डी में चोट आई है। यादव ने कहा कि कई लोगों को वोट देने का मौका नहीं मिला और बोगस वोटिंग भी हुई। जिन्होंने हमारे पक्ष में वोट किया, वे जख्मी हुए पडे हैं।
प्रशांत भूषण ने कहा कि कल के टेप में जिस तरह से लात मारकर निकालने की बात सुनने में आई थी, उसी तरह से पूरा इंतजाम किया गया। उन्होंने कहा कि अंदर बाउंसर्स हैं, गुंडे हैं और वे पूरी तैयारी के साथ आए थे कि क्या करना है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के भाषण के बीच में ही "गद्दारों को बाहर करो" जैसे नारे लगने लगे। उन्होंने कहा, "पूरी स्क्रिप्ट पहले से तय थी। विधायक आज गुंडे बने हुए थे।" शनिवार को सुबह दस बजे बैठक शुरू होने से पहले ही बाहर हंगामा होना शुरू हो गया था। योगेंद्र यादव के साथ बाहर कुछ लोगों ने धक्का-मुक्की की।
यादव ने दावा किया कि कई सदस्यों को बैठक में जाने नहीं दिया जा रहा और इसी के विरोध में उन्होंने बैठक के बाहर लगभग एक घंटे तक धरना भी दिया। बैठक स्थल से बाहर मौजूद लोगों ने योगेंद्र यादव को देखते ही "गद्दारों को बाहर निकालो" के नारे लगाने शुरू कर दिए और प्रदर्शन किया। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष के बीच में बैठक से बाहर आने के बाद योगेंद्र यादव ने अपना धरना खत्म किया और वह यह कहते अंदर बैठक में गए कि वह इस मामले को बैठक में उठाएंगे। इस बीच, केजरीवाल ने बैठक में भावुक और लंबा भाषण दिया। केजरीवाल के भाषण के बाद बैठक से बाहर निकल गए और कुछ देर बाद योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण भी गुस्से में बाहर निकले। इन दोनों नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर करने का फैसला किया जा चुका था।
प्रशांत और योगेंद्र ने दावा किया कि बैठक पूरी तरह एकतरफा थी और बैठक में खूब हंगामा भी हुआ। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रमजान चौधरी ने कहा कि जब उन्होंने प्रशांत और योगेंद्र यादव के मुद्दे पर वोटिंग करने के लिए आवाज उठाई, तो बाउंसरों को बुलाकर उन्हें जूतों से पीटा गया। यादव ने भी चौधरी की पिटाई होने की पुष्टि की। प्रशांत न कहा, स्टिंग की बातें सच हुई, जिसमें लात मारकर बाहर निकालने की बात कही गई थी। बैठक में गुंडागर्दी हुई। कल जो केजरीवाल स्टिंग में बोल रहे थे इन लोगों को लात मार कर बाहर कर दिया जाए, इसकी पूरी तैयार करके आए थे। उन्हें बैठक में बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि उन पर जो आरोप लगाए गए थे उस पर वह अपनी बात रखना चाहते थे, मगर उन्हें इसका मौका नहीं दिया गया और वोटिंग शुरू करा दी गई।
हमारी बात सुनी नहीं गई, प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई और सिसोदिया ने वोटिंग शुरू करवा दी। हमारे समर्थकों को घसीट कर पीटा गया। अजित झा ने भी कहा, बैठक में मुझे मारा गया और उठाकर पटक दिया गया। वोटिंग अवैध तरीके से कराई गई और लोकपाल को बैठक में आने नहीं दिया गया।
और पढ़े। ………
पार्टी के संजोयक अरविंद केजरीवाल करीब 40 मिनट के भाषण के बाद सचिवालय के लिए निकल गए। इसके तुरंत बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव भी मीटिंग से बाहर आ गए। बाहर आते ही उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र की हत्या कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मीटिंग में बाउंसरों की मदद से लोगों को पीटा गया और घटीसा गया। योगेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल के भाषण के दौरान गोपाल राय को बैठक की अध्यक्षता सौंपी गई। इसका विरोध हुआ, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। रमजान चौधरी ने आवाज उठाई, मगर बाउंसर्स की मदद से उन्हें घसीटकर बाहर निकाल दिया गया। उनकी हड्डी में चोट आई है। यादव ने कहा कि कई लोगों को वोट देने का मौका नहीं मिला और बोगस वोटिंग भी हुई। जिन्होंने हमारे पक्ष में वोट किया, वे जख्मी हुए पडे हैं।
प्रशांत भूषण ने कहा कि कल के टेप में जिस तरह से लात मारकर निकालने की बात सुनने में आई थी, उसी तरह से पूरा इंतजाम किया गया। उन्होंने कहा कि अंदर बाउंसर्स हैं, गुंडे हैं और वे पूरी तैयारी के साथ आए थे कि क्या करना है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के भाषण के बीच में ही "गद्दारों को बाहर करो" जैसे नारे लगने लगे। उन्होंने कहा, "पूरी स्क्रिप्ट पहले से तय थी। विधायक आज गुंडे बने हुए थे।" शनिवार को सुबह दस बजे बैठक शुरू होने से पहले ही बाहर हंगामा होना शुरू हो गया था। योगेंद्र यादव के साथ बाहर कुछ लोगों ने धक्का-मुक्की की।
यादव ने दावा किया कि कई सदस्यों को बैठक में जाने नहीं दिया जा रहा और इसी के विरोध में उन्होंने बैठक के बाहर लगभग एक घंटे तक धरना भी दिया। बैठक स्थल से बाहर मौजूद लोगों ने योगेंद्र यादव को देखते ही "गद्दारों को बाहर निकालो" के नारे लगाने शुरू कर दिए और प्रदर्शन किया। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष के बीच में बैठक से बाहर आने के बाद योगेंद्र यादव ने अपना धरना खत्म किया और वह यह कहते अंदर बैठक में गए कि वह इस मामले को बैठक में उठाएंगे। इस बीच, केजरीवाल ने बैठक में भावुक और लंबा भाषण दिया। केजरीवाल के भाषण के बाद बैठक से बाहर निकल गए और कुछ देर बाद योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण भी गुस्से में बाहर निकले। इन दोनों नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर करने का फैसला किया जा चुका था।
प्रशांत और योगेंद्र ने दावा किया कि बैठक पूरी तरह एकतरफा थी और बैठक में खूब हंगामा भी हुआ। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रमजान चौधरी ने कहा कि जब उन्होंने प्रशांत और योगेंद्र यादव के मुद्दे पर वोटिंग करने के लिए आवाज उठाई, तो बाउंसरों को बुलाकर उन्हें जूतों से पीटा गया। यादव ने भी चौधरी की पिटाई होने की पुष्टि की। प्रशांत न कहा, स्टिंग की बातें सच हुई, जिसमें लात मारकर बाहर निकालने की बात कही गई थी। बैठक में गुंडागर्दी हुई। कल जो केजरीवाल स्टिंग में बोल रहे थे इन लोगों को लात मार कर बाहर कर दिया जाए, इसकी पूरी तैयार करके आए थे। उन्हें बैठक में बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि उन पर जो आरोप लगाए गए थे उस पर वह अपनी बात रखना चाहते थे, मगर उन्हें इसका मौका नहीं दिया गया और वोटिंग शुरू करा दी गई।
हमारी बात सुनी नहीं गई, प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई और सिसोदिया ने वोटिंग शुरू करवा दी। हमारे समर्थकों को घसीट कर पीटा गया। अजित झा ने भी कहा, बैठक में मुझे मारा गया और उठाकर पटक दिया गया। वोटिंग अवैध तरीके से कराई गई और लोकपाल को बैठक में आने नहीं दिया गया।
और पढ़े। ………
0 comments:
Post a Comment